कहानी उस व्यक्ति की जिन्होंने अब तक कितने ही साउथ और हॉलीवुड के किरदारों को आवाज़ दी है, चाहे वह कार्टून का किरदार हो या फिल्म का किरदार। इनकी आवाज़ सुनकर आपको लगेगा की हाँ यह आवाज़ इसी किरदार के लिए ही बनी है क्यूंकि उनकी आवाज़ हर किरदार के ऊपर बिलकुल सटीक बैठती है इसलिए यह कहना भी गलत नहीं होगा की आज कई किरदार सिर्फ इनकी आवाज़ से ही ज्यादा पॉपुलर हुए हैं। जी हाँ हम बात कर रहे हैं एक फेमस वॉइस आर्टिस्ट की जिसका नाम है संकेत म्हात्रे।
दोस्तों फिल्म को परदे पर देखना एक बहुत ही बेहतरीन अनुभव होता है और यह संभव हुआ है साइंस की मदद से जिसके जरिये हमें बेहतरीन फिल्में परदे पर देखने को मिलती हैं। शुरू में फिल्म नहीं बल्कि चित्रों को परदे पर दिखाया जाता था फिर उसके बाद साइंस और टेक्नोलॉजी की प्रगति के कारण चित्रों की बजाय फिल्म्स को परदे पर देखना संभव हो सका।
बात की जाये भारत की तो भारत में पहली फिल्म लुमिरेस भाइयों ने चित्रों को दिखने वाला शो किया था। इसके बाद जब टेक्नोलॉजी में और क्रांति आयी तो भारत में पहेली फिल्म राजा हरिश्चंद्र को दादा साहब फाल्के ने दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया था जिसमे आवाज़ नहीं थी क्यूंकि तब तक आवाज़ के लिए तकनीक का विकास नहीं हुआ था।
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भारत देश में कई भाषाएं बोली जाती हैं और इन सभी भाषाओँ में फिल्में भी बनती हैं लेकिन उनकी पहुँच हर राज्य में नहीं थी इसलिए आवश्यकता पड़ी वॉइस आर्टिस्ट की जोकि फिल्म में बोले जाने वाले डायलॉग को अपनी आवाज़ देकर इन फिल्मों की पहुँच को बढ़ा देते हैं। आज ऐसा समय आ चूका है की बहुत से नार्थ के लोग बॉलीवुड की फिल्मों से सांथ कई और इंडस्ट्री जैसे टॉलीवूड, हॉलीवुड और कॉलीवूड की फिल्मों भी देखना पसंद कर रहे हैं।
संकेत म्हात्रे का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
वॉइस आर्टिस्ट की दुनिया में आज कई लोग अपनी जगह बना चुके हैं जिसमे सबसे प्रचलित नाम है संकेत म्हात्रे। संकेत जी का जन्म 27 जुलाई को मुंबई में एक मराठी परिवार में हुआ था। भाषाओँ की जानकारी की बात की जाये तो संकेत की इंग्लिश, हिंदी और मराठी भाषाओँ में अच्छी कमांड है।
संकेत म्हात्रे ने कहाँ तक पढाई करी है?
संकेत बचपन से पढ़ने में अच्छे थे और इन्होने अपनी सनातक की पढाई इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में करी, जिसके बाद उनकी नौकरी माइक्रोसॉफ्ट गेम्स में भी लग गयी। लेकिन संकेत बचपन से कुछ अलग और क्रिएटिव करना चाहते थे इसलिए वह थिएटर भी सांथ में कर रहे थे। कुछ अलग करने की राह में इन्होने एक स्टूडियो खोला और यह बिज़नेस चलने लगा क्यूंकि उन्होंने अपना स्टूडियो पॉश जगह में न खोलकर थोड़ा नार्मल जगह में खोला जिसकी वजह से इनका प्राइस कम रहता था और क्वालिटी अच्छी रहती थी।
संकेत म्हात्रे ने अपनी आवाज़ देना कैसे शुरू किया?
संकेत के पास जब एक दिन डबिंग का काम आया तो उस दिन उनका डबिंग आर्टिस्ट किसी वजह से संकेत के स्टूडियो में नहीं आ पाया इसलिए संकेत ने खुद ही उस क्लाइंट के लिए अपनी आवाज़ से डबिंग करी जोकि क्लाइंट को काफी पसंद आयी। इसके बाद संकेत ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और उन्हें अच्छे क्लाइंट्स मिलते चले गए जिससे उनका नाम और काम काफी मशहूर हो गया।
फिल्मों की बात की जाये तो शुरू में संकेत ने क्राउड वॉइस आर्टिस्ट की आवाज़ दी लेकिन जैसे ही उनकी पहचान इंडस्ट्री में होने लगी तो उन्हें अच्छे काम भी मिलने लगे। संकेत को आज डबिंग इंडस्ट्री में 10 साल से ऊपर हो चुके हैं और इन्होने महेश बाबू, राम चरण, एन.टी. रामा राव जूनियर, अल्लू अर्जुन, विशाल, सूरिया, रयान रेनॉल्ड्स, राम पोथिनेनी और जोसेफ गॉर्डन लेविट के लिए साउथ की फिल्मों में अपनी आवाज़ दी है। इसके सांथ ही उन्होंने बेन 10, द सुपरहीरो स्क्वाड शो, द आयरन मैन और अल्टीमेट स्पाइडरमैन जैसे एनिमेटेड शो में भी अपनी आवाज़ दी है।
हमारी यह पोस्ट संकेत म्हात्रे के दिए गए इंटरव्यूज और इंटरनेट पर मौजूद इनफार्मेशन के अकॉर्डिंग है। हम इसे एक ज्ञान वर्धक इनफार्मेशन की तरह दिखा और बता रहे हैं। अगर इस आर्टिकल से रिलेटेड कोई भी सुझाव और शिकायत है तो हमें digitalworldreview@gmail.com पर मेल करें!