क्रैश सीरीज का हिंदी में रिव्यू
जब ओ.टी.टी प्लेटफार्म का चलन भारत में भी शुरू हुआ तो बहुत से लोगो को यह उम्मीद नहीं थी भारत में इसकी पॉपुलैरिटी इतनी ज्यादा बढ़ जाएगी की फिल्में भी इस प्लेटफार्म पर रिलीज़ होने लगेंगी। दर्शकों के लिये तो क्राइम, एक्शन, सस्पेंस, अच्छे, बुरे और एडल्ट हर तरह के कंटेंट की भरमार आपको यहाँ देखने को मिलता है। जिसमे बहुत से लोगो ने अपना जॉनर एडल्ट में ही बना के रखा हुआ है शायद इसलिए ऑल्ट जैसे प्लेटफार्म भी अभी तलक इस कम्पटीशन में टिके हुए हैं लेकिन हाल ही में हुए कुछ बवालों के कारन ऑल्ट भी अब अच्छा कंटेंट बनाने की कोशिश में लग गया है इसलिए हमें क्रैश जैसी सीरीज भी देखने को मिल रही है।
क्रैश सीरीज को देखने पर हलाकि आपको उतनी ख़ुशी नहीं मिलने वाली है जितनी की आप इसे देखने से पहले सोच रहे हों क्यूंकि सीरीज की कहानी आपको बहुत सी पुरानी भारतीय फिल्मों की कहानी की याद दिलाती है। अगर आपने अमर अकबर और अन्थोनी फिल्म देखी हुई है तो आपको यह सीरीज की कहानी का मुख्य प्लाट इसी फिल्म से प्रभावित लगेगा। आप फिर भी इसे देखने की कोशिश करते हैं तो जरूर यह आपको कुछ हद तक मनोरंजन जरूर प्रदान करेगी लेकिन इसे देखते हुए ज्यादा उम्मीद रखना भी गलत होगा।
गौतम हेगड़े द्वारा लिखी गयी इस सीरीज की कहानी में हालांकि आपको नया कुछ नहीं मिलेगा लेकिन यहाँ सीरीज की असली ताकत इसका डायरेक्शन और कलाकारों की अदाकारी है। आज के समय में 90 के दशक की कहानी को लोगो के सामने लाना कुशल ज़वेरी और एकता कपूर के लिए काफी चुनौती भरा रहा होगा लेकिन इस सीरीज के नतीजे ने सभी को जरूर खुश किया है। सीरीज दर्शकों के लिए अपने परिवार के महत्व को बताने में कामयाब हुई है इसलिए इस सीरीज को दर्शकों का प्यार मिला है।
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क्रैश सीरीज की रेटिंग कितनी है?
इस सीरीज को IMDB पे 10 में से 9.6 की रेटिंग मिली है और हम इस सीरीज को 5 में से 2.75 स्टार देंगे।
कैसी है क्रैश सीरीज और क्या हमें क्रैश सीरीज देखनी चाहिए?
बेशक ऑल्ट की तरफ से यह एक अच्छी कोशिश है जिस्म उन्होंने कुछ नया कंटेंट बनाने की कोशिश करी है जोकि इतनी अच्छी तो है की आप इसे एक बार देख सकें।
सीरीज में गालियों का इस्तेमाल किया गया है जोकि इसे पारिवारिक सीरीज से अलग कर देती है, इस बात का ध्यान जरूर रखें।
परफॉरमेंस
अनुष्का सेन: सबसे ज्यादा आप जिससे प्रभावित होंगे वह नाम है अनुष्का सेन का, इन्होने अपने किरदार को इतने बढ़िया तरीके से परदे पर उतारा है की आपको लगेगा की वह सीरीज की कहानी को असल जिंदगी में उतार कर अदाकारी कर रही है जिससे उनकी अदाकारी सटीक लगती है। अनुष्का सेन हलाकि छोटे परदे पर भी अपनी अदाकारी से कई लोगो की पसंदीदा है लेकिन इस बार उन्होंने सीरीज में भी अपने आप को साबित कर दिया है।
कुंज आनंद: कुंज आनंद अपने सख्त रोल में काफी अच्छे लगे हैं जिसे उन्होंने अच्छे से निभाया है। उनके इस किरदार में एक ही तरह का भाव था लेकिन फिर भी उनके अभिनय को कम नहीं आका जा सकता है।
अदिति शर्मा: अदिति शर्मा का काम भी आपको पसंद आएगा जोकि अपने नए और खुशनुमा स्वाभाव से आपको जोड़े रखती हैं।
क्रैश सीरीज में क्या बुरा है
क्रैश सीरीज के स्क्रीनप्ले की बात करें तो वह बहुत एपिसोड्स में अच्छे से पकड़ बनाता है लेकिन किसी एपिसोड्स में वह ढीला पड़ जाता है इसलिए सीरीज थोड़ा आपको बोर भी कर देती है।
सीरीज के बहुत से कलाकार आपको उस किरदार के अनुसार लगते ही नहीं जैसे रोहन मेहरा को देखकर कोई कहेगा की वह एक गरीब ड्राइवर हैं क्यूंकि उनके लुक के ऊपर ज्यादा ध्यान ही नहीं दिया गया।
सीरीज में किरदारों के बनावट पर ज्यादा मेहनत नहीं की गयी है इसलिए आपका जुड़ाव किरदारों से इतनी जल्दी नहीं बन पता है।
सीरीज की कहानी आपको काफी औसत लगेगी जिसमे एक दो ही सस्पेंस और टर्न देखने को मिलेंगे।
क्रैश सीरीज में क्या अच्छा है
क्रैश सीरीज के डायरेक्शन की बात की जाये तो वह आपको काफी बेहतर लगेगा इसलिए सीरीज की कहानी में आपको मजा पहले ही एपिसोड से आने लग जाता है।
क्रैश सीरीज का संगीत भी उम्मीद से अच्छा है, इसके गाने और बैकग्राउंड संगीत आपको कहानी से जोड़ने में मदद करता है।
क्रैश सीरीज की टीम
डायरेक्टर: कुशल ज़वेरी
प्रोडूसर: एकता कपूर और शोभा कपूर
कहानी: निकिता धोंड
स्क्रीनप्ले: गौतम हेगड़े
डायलॉग: अपर्णा नदीग, प्राची श्रीवाश्तवा
क्रैश सीरीज के किरदार
सय्यद राजा: पुनीत कपूर, दिवाकर धयानी: आमिर अंसारी, अनुष्का सेन: आलिया मेहरा, रोहन मेहरा: रहीम, जैन इमाम: ऋषभ सचदेवा, अदिति शर्मा: काजल, कुंज आनंद: कबीर, माधव शर्मा: दोस्त, राकेश जोशी: रविन, उनिक मल्होत्रा: दुकानदार, अमिता मोटवानी: दिव्या, जेब्बी सिंह: पुनीत
क्रैश सीरीज की कहानी क्या है?
क्रैश सीरीज पुराने ज़माने की तरह एक भावनात्मक है जोकि बिछड़ चुके भाई-बहनों के विषय पर केंद्रित है, जिसमें थोड़ा सस्पेंस और भावनाओ को मिलाया गया है।
कहानी में एक कार दुर्घटना में एक रुशद राणा और सुचिता त्रिवेदी की मौत हो जाती है जिसके कारण उनके चार बच्चों को एक अनाथालय में डाल दिया जाता है। कहानी आगे बढ़ती है जहाँ इन चरों बच्चों को अलग-अलग परिवारों द्वारा अपना लिया जाता है। अब सबसे बड़ा बेटा कबीर बड़ा होकर पुलिस अधिकारी बन जाता है। अदिति शर्मा एक अकेली महिला के साथ रहती है जोकि मानसिक बीमारी के सांथ अपने विवाहित पुरुष के साथ के कारण भी परेशां रहती है। दो जुड़वाँ बच्चे जिन्हें कार के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद अपनी पुरानी में से कुछ भी याद नहीं है। अनुष्का सेन एक अमीर घर में पली-बढ़ी है, जबकि रोहन मेहरा एक मुस्लिम और गरीब परिवार में रहता है जोकि अब ड्राइवर बन गया है।
सीरीज की कहानी इन भाई-बहनों के आपसी झगड़ों और साजिश के कारण आने वाले नतीजों के ऊपर है जिसके लिए आपको यह सीरीज देखनी होगी।
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